THE BASIC PRINCIPLES OF वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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मंत्र की उर्जा और प्रभाव को बढाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.

लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती

ये एक महा मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना है जो स्वयं भगवान श्री विष्णु के मोहिनी अवतार से जुडी है.

कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का उपयोग किया जाता है। वे समस्त शक्तियां ईश्वर पूर्ण ब्रह्म की हैं और पूर्व की समता में उसके किसी अंश पर अधिकार पा सकना सहज साध्य है । अतएव मन्त्रों के आचार्यों ने ईश्वर की विभिन्न शक्तियों के ही मन्त्र बनाए हैं। मूर्ख ब्राह्मण के नाम पर बनाये गए मन्त्रों द्वारा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को जीत कर उसी की प्राप्ति की जा सकती है तदर्थ बहन छोटे मोटे कार्यों के लिये प्रयुक्त करना आवश्यक नहीं समझा जाता। किसी प्रयोग या क्रिया का जो नियम निर्धारित किया गया है, उसे मित्र कहते हैं ।

यदि उसे आँख खोलने पर दिखाई न दे, अर्थात् वह किसी ऐसी जगह हो, जहाँ विला जाए, उसे देखा नहीं जा सकता तो पैरों से भी काम लेना होगा। किसी किसी काम में हाथ, पैर, आंख, कान आदि सभी इन्द्रियों का काम आ पड़ता है। किसी में केवल बुद्धि का और किसी में केवल आत्मा का।

काला गोरा तोतला तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

नमो भगवते कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हन हन वद वद तप तप सम्मोहय सम्मोहाय सर्वजन मे वशं कुरू कुरू स्वाहा

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, वशीकरण मंत्रों का उपयोग दिल की शुद्धि और सत्य के साथ किया जाता है। यह मन की शक्तियों को जगाने का कार्य करता है और व्यक्ति को उच्च आदर्शों, स्वभाव के साथ और सच्ची इच्छा के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार, वशीकरण मंत्र व्यक्ति के मन को उनकी उच्चतम प्राप्ति की ओर प्रेरित करने में सहायता कर सकता है।

इन्हें धारण करने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

अगर आप मोहिनी वशीकरण का प्रयोग कर रहे है तो आपको ये बात अच्छे से ध्यान रखनी चाहिए की साधना के दौरान आपको गलत विचार मन में नहीं लाने है.

आप पाने व्यवहार से किसी को भी अपना बना सकते है। जहां व्यवहार कार्य नहीं करता वहां तंत्र कार्य कर सकता है।

यह मंत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इसकी सिद्धि से सभी सांसारिक इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। जप करने से पहले किसी योग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य लें और उसकी सलाह से जप की संख्या के संबंध में संकल्प लें। जप के बाद निम्नलिखित मंत्र से देवी की स्तुति करें-

इस पुस्तक में आठ सिद्धियां दी गई हैं click here जिनको कि विधिपूर्वक करने से मनुष्य अवश्य सफल होता है। वह सिद्धियां इस प्रकार हैं। (१) वशीकरण विद्या (२) आकर्षण विद्या (३) अष्टसिद्धि (४) कायाकल्प विद्या (५) यक्षणी साधन (६) भूत विद्या (७) ओझा विद्या (८) यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र विद्या । वह विद्या ऐसी हैं यदि विधिपूर्वक की जायं तो पूरा २ अब भी असर करती हैं। लेकिन सिद्धि कार्य कर्त्ता पर निर्भर है।

इसके बाद हाथ में जल लेकर मंत्र जाप का संकल्प लें और तीन दिन तक प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र की इक्यावन माला जाप करें।

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